Search This Blog

Saturday, February 2, 2013

Saturday, December 18, 2010

शिष्य-गुरु संवाद

शिष्य:   हे गुरु ज्ञानदाता
विनती सुन लीजिए.
सेमेस्टर खत्म होने को है,
परीक्षा ले लीजिए.
बहुत कष्ट उठा कर पढ़ा है,
मना मत कीजिए.
हठ छोड़ हे ज्ञानमूर्ति,
परीक्षा ले लीजिए.
गुरु:     प्रिय शिष्यों थोडा धीरज धारिये.
तुम भी यहीं हो और मैं भी यहीं,
फिर काहे किच किच कीजिए?
पढाई का क्या है होती रहेगी,
थोड़ी माया आने दीजिए.
परीक्षा भी ले लेंगे भाई,
ज़रा पे कमीशन तो लागू होने दीजिए.
शिष्य:   आप शारदापुत्र प्रभु
लक्ष्मी वाहन बनने की जिद ना कीजिए
माया छोड़ हे भाग्यविधाता राह हमको दीजिए.
गुरु:     राह का क्या है मिल ही जाएगी,
इतना टेंशन न लीजिए.
भाग्य हम अपना तो बनालें,
फिर आप अपनी बात कीजिए.
_____________________________________________
                     अतुल बैस

Thursday, December 16, 2010

“कानपुर में तरक्की हुई है पर .....”

कॉमेडी किन्ग के नाम से प्रख्यात राजू श्रीवास्तव कानपुर महोत्सव के सिलसिले में शहर में थे. प्रस्तुत हैं उनके साथ हुई भेंटवार्ता.

कानपुर आ कर कैसा लग रहा है आपको?
मेरा जन्म कानपुर में हुआ है और यहाँ की मिटटी से ही मैंने सब सीखा है. यहाँ आना मेरे लिए बहुत महत्त्व रखता है.

कानपुर महोत्सव पहली बार शुरू हो रहा है और मैं इसे बहुत बड़ी बात मानता हूँ. अलग-अलग शहरों के महोत्सव में जब जाता था तो यही ख्याल आता था कि काश ऐसा कुछ अपने कानपुर में भी हो. मैं बहुत खुश हूँ और प्रशासन को इस आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूँ.

आपकी कॉमेडी में कानपुर रह रह कर झलकता है. इसके लिए कुछ खास कोशिश करते है?
कानपुर मेरे अंदर है और यहीं की बातें मैं सब जगह करता हूँ फिर चाहे बात बीच सड़क पर बैठी गाय की हो, बदहाल ट्राफिक की हो, या फिर बिजली की आँख मिचोनी की. एक उत्सव यहाँ हमेशा चलता रहता है, वो यह है कि पूरा परिवार अचानक एक साथ बोल पड़ता है, लेयो लाइट गई. फिर थोड़ी देर में सब लोग एक साथ बोलते हैं, चलो आ गयी. (आसपास खड़े सब लोग और वो खुद भी हंस पड़ते हैं). बिजली तब भी प्रॉब्लम करती थी और अब भी करती है. कानपुर में तरक्की हुई है पर इसमें नहीं.

आपका बचपन यहाँ बीता है. अपने बचपन से जुडी यादों के बारे में कुछ बताइए.
उस ज़माने में फिल्म देखना बहुत खराब माना जाता था. घर वाले कहते थे कि फिल्में बिगाड़ देती हैं. मैंने हालाँकि अपना स्कूल बंक करके बहुत फिल्में देखी हैं. कई बार अगर टिकट के पैसे पूरे हो जाते थे तो साइकिल स्टैंड के कम पड़ जाते थे. ऐसे में कई बार साइकिल को किसी पेड़ से बाँध देते थे और फिल्म देखने चले जाते थे लेकिन फिल्म देखने का मज़ा नहीं ले पाते थे क्योंकि ध्यान तो इसी में लगा रहता था कि साइकिल बचेगी या नहीं.

कानपुर की ऐसी कोई बात जो आपको बुरी लगती हो?
अंधड, धूल, जगह जगह खुदाई, ट्राफिक जाम और बिजली की प्रॉब्लम. 

और कानपुर की कौन सी बात आपको तब बहुत याद आती है जब आप कानपुर से बाहर होते हैं?
बीच सड़क पर बैठी गायें (कहते कहते हँस पड़ते हैं).

चुनाव के समय यह चर्चा गर्म थी कि आप इलाहाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इरादा बदलने के पीछे कोई खास वजह?
मैंने चुनाव लड़ा नहीं था बल्कि सभी राजनैतिक पार्टियों ने मुझे ऑफर दिया था. मैंने सभी घर वालों से राय ली. सबका कहना था अभी पोलिटिक्स में जाना जल्दीबाजी होगी. मुझे लगता है कि लोगों को हँसाना राजनीति में जाने से बड़ा काम है.

आपने बिग बॉस सीजन तीन में हिस्सा लिया था. तब के बिग बॉस और इस समय प्रसारित हो रहे बिग बॉस सीजन चार में आप क्या अंतर देखते हैं?
अपने बिग बॉस की मैं तारीफ करूँगा क्योंकि उसमें गंदगी नहीं थी और अश्लीलता नहीं थी. इस बार तो कोर्ट को समय बदलने के लिए कहना पड़ा. मैंने बिग बॉस सीजन चार थोडा ही देखा है पर मुझे भी लगता है कि कुछ ज्यादा ही...(बात अधूरी छोड़ देते हैं).

इस बार के बिग बॉस में आप के ख्याल से गंदगी फ़ैलाने वाले कौन लोग हैं?
वीना मलिक कुछ ज्यादा ही गंदगी फैला रही हैं.

बिग बॉस में पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर काफी विवाद हुआ. आपका इस बारे में क्या कहना है?
इंडिया में बहुत टेलेंट है और बहुत सारे अच्छे कलाकार है. हमें उनको पहले चांस देना चाहिए.

स्टैंड-अप कॉमेडी में आये बदलाव और उसके मौजूदा स्तर के बारे में आपकी क्या राय है?
थोड़ी वल्गैरिटी तो आई है. औरों की बात तो मैं नहीं कर सकता पर मैंने अपने आप पर एक सेंसर लगा रखा है. मैं जब कोई कार्यक्रम देता हूँ तब यह हमेशा ध्यान रखता हूँ कि मेरी बेटी अगर यह देखेगी तो उसका क्या रिएक्शन होगा.

भविष्य में आप अपने को कहाँ और क्या करते देखना चाहेंगे?
(मुस्कराते हुए) मुझे स्टार, सुपर स्टार और कॉमेडी किंग जैसी बातों में कोई दिलचस्पी नहीं है. मुझे सिर्फ हँसाना है और मैं हंसाता रहूँगा.

इस समय आप किस पर काम कर रहे हैं?
मस्ती नाम का एक चैनल है जिसका मैं ब्रांड अम्बेसडर हूँ, उसी के लिए काम कर रहा हूँ.

आज के विद्यार्थी पर बहुत ज्यादा दबाव होता है. नतीजतन छात्रों में तनाव, डिप्रेशन और सुइसाइड बढते जा रहे हैं. आप छात्रों को क्या सलाह देना चाहेंगे?
मैं जो करता रहा हूँ मैं चाहूँगा कि विद्यार्थी भी उसे अपनाएं. खूब हंसें और हंसाएं, पढाई के प्रेशर से फ्री रहेंगे.

                                                              भेंटवार्ताकार:
 अतुल बैस

Monday, December 6, 2010

Final Day of Kanpur Mahotsav on 05/12/2010

Media Gallery
District Magistrate of Kanpur Mukesh Meshram being presented with a bouquet by Joint Magistrate of the city,  Mala Shrivastav.
Special sisters Shruti and Gore with their parents at Kanpur Mahotsav
Shruti and Gore sharing a moment with their father
Special performance by Kanpur's beloved twin sisters Shruti and Gore
Top dignitaries of Kanpur

Mukesh Meshram, District Magistrate of Kanpur, with special children Shruti and Gore 

Pushpika Shrivastav, dance teacher at DPS Azad Nagar, presenting Kathak at Kanpur Mahotsav

Thursday, December 2, 2010

Photographs Of Kanpur Mahotsav Taken On 01/12/2010

Students of N.D. Degree College performing Gidda at Kanpur Mahotsav




Students of B.N.D. College performing Rajasthani folk dance at Kanpur Mahotsav
Students of Guru Nanak P.G. College performing a Bhojpuri devi geet 






Students performing Kathak at Kanpur Mahotsav

Little children from Chintels school performing an energetic dance





Children gave the message of forest conversation through their dance

A group of people intently watching the "Dhayan Yantra"  at one of the stalls at Kanpur Mahotsav


Raju Srivastav at Kanpur Mahotsav


Ankita Mishra of Indian Idol fame performing at Kanpur Mahotsav
Raju Srivastav on the stage with Ajay Kapoor and Ankita Mishra
Anirudh Madhesia of "Laughter Challange" fame  had  the audience in splits at Kanpur Mahotsav
Raju Srivastav performing at Kanpur Mahotsav
Raju Srivastav posing for the media during his performance at Kanpur Mahotsav

Wednesday, December 1, 2010

Kanpur Mahotsav 30/11/2010

Members of Shri Satnam Banthi Nritya Mandal from Bhilai before their performance at Kanpur Mahotsav 
Beautiful wooden toys from Chitrakoot
A child buying wooden toys at the stall
Smt. Meena Devi from Etawah with her award-winning bead work at Kanpur Mahotsav
A view of some of the stalls at Kanpur Mahotsav

Nukkad Natak "Naya Savera" being performed at Kanpur Mahotsav by Sanskar Group


Anukriti performing Saraswati Vandana at Kanpur Mahotsav


A singer performing at Kanpur Mahotsav
People enjoying the performances at Kanpur Mahotsav
Students of Madhyamik Vidyalaya, Shankarpur Katri, Kanpur, presenting a patriotic song at Kanpur Mahotsav
Students of Madhyamik Vidyalaya, Shankarpur Katri, Kanpur